MSP full form | Minimum Support Price | MSP क्या है| न्यूनतम समर्थन मूल्य | MSP Kya Hai | जानकारी अब हिंदी में
Minimum Support Price भारत की वह मूल्य नीति है जो कि भारतीय किसानों के लिए बनाया गया है न्यूनतम समर्थन मूल्य का मुख्य उद्देश्य किसानों को उनकी फसल का समर्थन मूल्य दिलवाना और साथ ही साथ उपभोक्ताओं को सस्ती कीमत सुनिश्चित करना MSP का लक्ष्य है|
MSP FULL FORM | MSP Kya Hai हिंदी में
MSP का पूरा नाम Minimum Support Price है। जो एक मूल्य निर्धारण की नीति है। यह एक मूल्य निर्धारण प्रणाली है जोकि CACP आयोग द्वारा निर्धारित की जाती है
1965 में न्यूनतम समर्थन मूल्य का सुझाव पारित किया गया| भारत में हरित क्रांति के दौरान समर्थन मूल्य के रूप में किसानों को बहुत प्रोत्साहन मिला| इसकी सहायता से खाद्य उत्पादन में काफी वृद्धि हुई और किसानों को आर्थिक रूप से भी मदद मिली| एमएसपी का यह लक्ष्य था कि वह पीडीएस के माध्यम से खाद्य पदार्थों की खरीद और भंडारण को बनाए रखना है| किसानों द्वारा राज्यों में उगाई जाने वाली फसलें और MSP के बारे में जागरूकता का पता लगाने के लिए इस पोस्ट को अंत तक पढ़े|
Minimum Support Price क्या होता है ? | MSP Meaning
MSP एक प्रकार का किसी भी फैसला या एक दाम तय करने का तरीका है। इस मे किसानों द्वारा बेची जाने वाली किसी भी फसल का सरकार द्वारा एक तय दाम निर्धारित किया जाता है। यह प्रकार की पद्धति है जो की किसानों के लिए काफी फ़ायदेमंद रहती है। किसी भी फसल द्वारा सरकार द्वारा एक तय किमत ( Minimum Support Price ) होती है जिस पर उस तय मूल्य से कम दाम नही मिलता है।
न्यूनतम समर्थन मूल्य भारत कृषि की एक बहुत ही महत्वपूर्ण मूल्य नीति है यह है नीति कृषि फसल की एक न्यूनतम मूल्य को दर्शाता है| खाद्य आपूर्ति और भंडारण में भी सहायक है| यह किसानों के दीर्घकालीन निवेश निर्णयों के लिए सुरक्षा प्रदान करता है
Minimum Support Price का अन्य महत्वपूर्ण उद्देश्य यह है कि वह किसानों को वांछित फसल पैटर्न में संसाधनों को आवंटित करने के लिए प्रोत्साहित कर सके| किसानों को मिले सुरक्षा प्रदान की जाती है और फसलों की विविधता के लिए प्रेरित करते हैं|
Minimum Support Price का मुख्य उद्देश्य :-
Minimum Support Price का प्रमुख उद्देश्य यह है कि किसानों को बिचौलियों के चक्कर से बचाकर उनकी उपज को अच्छा मूल्य उनको दिया जाए। यदि किसी बंपर फसल उत्पादन होने पर या बाजार में उसकी अधिकता होने की वजह से उसकी कीमत घोषित मूल्य की तुलना से कम हो जाती है तो सरकार द्वारा किसानों की फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जाता है
इससे किसानों की आय में कोई उतार-चढ़ाव नहीं होता है और उनको अपने निर्धारित आय प्राप्त हो जाती हैं। मिनिमम सपोर्ट प्राइस का मुख्य उद्देश्य है कि किसानों को उनकी मेहनत के हिसाब से एक निर्धारित आए प्रदान की जाए जिससे वह अपना भरण-पोषण आसानी से कर पाए और आगे की फसलों पर और मेहनत कर पाए।
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Minimum Support Price दर्शाने वाला विवरण
*सरकार द्वारा निर्धारित (रुपये प्रति क्विंटल)*
Commodity | Variety | 2010-11 | 2011-12 | 2012-13 | 2013-14 | 2014-15 | 2015-16 | 2016-17 | 2017-18 | 2018-19 | 2019-20 | 2020-21 |
KHARIF CROPS | ||||||||||||
PADDY | Common | 1000 | 1080 | 1250 | 1310 | 1360 | 1410 | 1470 | 1550 | 1750 | 1815 | 1868 |
Grade ‘A’ | 1030 | 1110 | 1280 | 1345 | 1400 | 1450 | 1510 | 1590 | 1770 | 1835 | 1888 | |
JOWAR | Hybrid | 880 | 980 | 1500 | 1500 | 1530 | 1570 | 1625 | 1700 | 2430 | 2550 | 2620 |
Maldandi | 900 | 1000 | 1520 | 1520 | 1550 | 1590 | 1650 | 1725 | 2450 | 2570 | 2640 | |
BAJRA | 880 | 980 | 1175 | 1250 | 1250 | 1275 | 1330 | 1425 | 1950 | 2000 | 2150 | |
MAIZE | 880 | 980 | 1175 | 1310 | 1310 | 1325 | 1365 | 1425 | 1700 | 1760 | 1850 | |
RAGI | 965 | 1050 | 1500 | 1500 | 1550 | 1650 | 1725 | 1900 | 2897 | 3150 | 3295 | |
Tur (Arhar) | 3000 | 3200 | 3850 | 4300 | 4350 | 4625^ | 5050^^ | 5450^ | 5675 | 5800 | 6000 | |
MOONG | 3170 | 3500 | 4400 | 4500 | 4600 | 4850^ | 5225^^ | 5575^ | 6975 | 7050 | 7196 | |
URAD | 2900 | 3300 | 4300 | 4300 | 4350 | 4625^ | 5000^^ | 5400^ | 5600 | 5700 | 6000 | |
COTTON | Medium Staple | 2500 | 2800 | 3600 | 3700 | 3750 | 3800 | 3860 | 4020 | 5150 | 5255 | 5515 |
Long Staple | 3000 | 3300 | 3900 | 4000 | 4050 | 4100 | 4160 | 4320 | 5450 | 5550 | 5825 | |
Groundnut | 2300 | 2700 | 3700 | 4000 | 4000 | 4030 | 4220* | 4450^ | 4890 | 5090 | 5275 | |
SUNFLOWER SEED | 2350 | 2800 | 3700 | 3700 | 3750 | 3800 | 3950* | 4100* | 5388 | 5650 | 5885 | |
SOYABEAN | Black | 1400 | 1650 | 2200 | 2500 | 2500 | – | – | 3050^ | 3399 | 3710 | – |
Yellow$$ | 1440 | 1690 | 2240 | 2560 | 2560 | 2600 | 2775* | 3880 | ||||
SESAMUM | – | 2900 | 3400 | 4200 | 4500 | 4600 | 4700 | 5000^ | 5300* | 6249 | 6485 | 6855 |
NIGERSEED | – | 2450 | 2900 | 3500 | 3500 | 3600 | 3650 | 3825* | 4050* | 5877 | 5940 | 6695 |
RABICROPS | ||||||||||||
WHEAT | 1120 | 1285 | 1350 | 1400 | 1450 | 1525 | 1625 | 1735 | 1840 | 1925 | 1975 | |
BARLEY | – | 780 | 980 | 980 | 1100 | 1150 | 1225 | 1325 | 1410 | 1440 | 1525 | 1600 |
GRAM | – | 2100 | 2800 | 3000 | 3100 | 3175 | 3500** | 4000^ | 4400! | 4620 | 4875 | 5100 |
MASUR (LENTIL) | – | 2250 | 2800 | 2900 | 2950 | 3075 | 3400** | 3950! | 4250* | 4475 | 4800 | 5100 |
Rapeseed & Mustard | – | 1850 | 2500 | 3000 | 3050 | 3100 | 3350 | 3700* | 4000* | 4200 | 4425 | 4650 |
SAFFLOWER | – | 1800 | 2500 | 2800 | 3000 | 3050 | 3300 | 3700* | 4100 | 4945 | 5215 | 5327 |
TORIA | – | 1780 | 2425 | 2970 | 3020 | 3020 | 3290 | 3560 | 3900 | 4190 | 4425 | – |
किसानों को MSP की जानकारी ना होने से क्या नुकसान है?
खरीद एजेंसिया कई बार MSP पर खाद्य पदार्थों को नहीं खरीदती है वह एमएसपी से नीचे खरीदने की कोशिश करते हैं और जब किसी किसान भाई को MSP की जानकारी नहीं होती तो वह एमएसपी की दर से नीचे ही अपनी फसल को एजेंसियों को भेज देता है|
और कई बार फसलों की बाजार का मूल्य गिर जाता है और MSP की जानकारी ना होने पर किसान अपनी फसल को घाटे में भेज देता है इससे किसान को आर्थिक रूप से काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है उसे उसकी फसल का पूरा पैसा नहीं मिलता
Minimum Support Price की key highlights :-
MSP किसके द्वारा प्रदान किया जाता है | केंद्र सरकार या राज्य सरकार द्वारा |
MSP किसको प्रदान किया जाता है | देश के किसानों को |
MSP Full Form | Minimum Support Price (न्यूनतम समर्थन मूल्य) |
MSP का उद्देश्य | किसानों को निर्धारित आय प्रदान करना |
MSP का लाभ | फसलों के उतार-चढ़ाव में किसानों पर कोई असर नहीं पड़ेगा |
MSP किसके द्वारा तय की जाती है | कृषि लागत एवं मूल्य आयोग(CACP) |
MSP – Minimum Support Price की जानकारी के फायदे:-
- यदि अगर किसान भाई को पहले से ही MSP का पता हो तो वह व्यापारियों और बिचौलियों के शोषण से बच सकता है|
- किसान अपनी फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेच सकता है!
- यदि बाजार में खरीदी दर एमएसपी से कम है तो वह अपनी फसल बेचने से मना कर सकता है
- MSP की जानकारी से किसान अपनी फसल का निर्धारित मूल्य ले सकता है!
- अधिकांश किसान जो फसलों के एमएसपी के बारे में जानते थे वे चावल या गेहूं उगाने वाले हैं।
- इसकी सहायता से फसलों के विविधीकरण को बढ़ावा मिलता है!
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम
Minimum Support Price (MSP) तय करने के प्रमुख प्रकार
- आपूर्ति के आधार पर :- फसल पर Minimum Support Price तय करने के लिए सबसे पहला फैक्टर होता है आपूर्ति का आधार, इससे यह तय किया जाता है की किस प्रकार से फसल का उत्पादन किया गया है। इसके लिए फसल की जरूरत के हिसाब से आपूर्ति को देखा जाता है और एमएसपी को निर्धारित किया जाता है
- उत्पादन की लागत:- Minimum Support Price तय करने का दूसरा मुख्य फैक्टर है उत्पादन की लागत, किसी फसल का उत्पादन करने की औसतन लागत के आधार पर भी यह तय किया जाता है।
- फसल की वर्तमान कीमत :- जिस फसल पर Minimum Support Price तय करना है उस फसल पर यह भी देखा जाता है की इस फसल की वर्तमान मे देश अन्तर्राष्ट्रीय बाजार मे कीमत क्या चल रही है| CACP फसल की एमएसपी की घोषणा से पहले अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में उन फसलों की कीमत को भी देखा जाता है
किसानों को फसल समूहों द्वारा Minimum Support Price के बारे में जागरूकता:-
हरियाणा, पंजाब और छत्तीसगढ़ के अधिकतर किसानों को चावल और गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य की जानकारी है जबकि इसकी दूसरी तरफ आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे अन्य राज्यों में चावल और गेहूं के MSP का ज्ञान बहुत ही कम है
दलहनी फसलें जैसे तुवर और ग्राम के समर्थन मूल्य की जानकारी काफी राज्यों में कम देखी गई है भारतीय कृषि द्वारा देहलन उत्पादन को बढ़ाने और समर्थन मूल्य को प्रोत्साहन के रूप में कार्य कर सकता है यदि सरकार द्वारा ऐसी खरीद प्रणाली बनाई जाए जिसमें किसान अपनी फसल MSP पर बेच सकता है
इससे किसानों को अपने समर्थन मूल्य का लाभ पहुंचेगा और मूल्य सुरक्षा प्रदान करने में भी सक्षम हो सकेंगे|
सरकार के द्वारा पेश किए गए तीन बिल से किसानों में बहुत आक्रोश है| और किसानों में आक्रोश इसलिए भी है क्योंकि यह फैसला उनके पक्ष में नहीं है! सरकार ने उन्हें पहले ही दिलासा दिया था कि MSP की प्रणाली हमेशा रहेगी
लेकिन अब सरकार अपने वादे से मुकर रही है! किसानों को अपनी उपज का न्यूनतम पैसा ना मिलने पर वह बहुत परेशान है और इस परेशानी को दूर करने के लिए सरकार को किसानों के पक्ष में फैसला सुनाना ही पड़ेगा|
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना
फसलों के MSP के बारे में किसानों की जागरूकता (%) :-
राज्य | रबी | खरीफ |
पंजाब | 52.94 | 48.93 |
छत्तीसगढ | 37.09 | 47.20 |
दिल्ली | 64.29 | 41.18 |
ओडिशा | 9.85 | 36.23 |
हरियाणा | 32.10 | 27.80 |
उत्तर प्रदेश | 22.43 | 27.59 |
बिहार | 22.84 | 27.49 |
पश्चिम बंगाल | 19.29 | २६.२३ |
तेलंगाना | 30.82 | 25.32 |
केरल | 19.47 | 22.09 |
राजस्थान Rajasthan | 20.90 | 15.06 |
आंध्र प्रदेश | 14.35 | 14.60 |
कर्नाटक | 14.61 | 13.97 |
झारखंड | 4.96 | 13.25 |
हिमाचल | 10.24 | 13.24 |
मध्य प्रदेश | 30.47 | 12.19 |
गुजरात | 9.97 | 12.02 |
उत्तरांचल | 9.14 | 9.81 |
जम्मू और के | 6.03 | 8.21 |
महाराष्ट्र | 8.00 | 8.19 |
तमिलनाडु | 15.12 | 7.71 |
अरूणाचल | 7.39 | 6.49 |
त्रिपुरा | 21.50 | 5.99 |
मिजोरम | 0.30 | 4.24 |
असम | 3.88 | 4.09 |
नगालैंड | 1.96 | 3.87 |
चंडीगढ़ | 6.67 | 3.13 |
मेघालय | 12.52 | 1.33 |
मणिपुर | 0.14 | 0.48 |
सिक्किम | 0.00 | 0.00 |
Minimum Support Price तय करने वाला आयोग :-
भारत मे Minimum Support Price ( न्यूनतम समर्थन मूल्य ) CACP यानी कृषि लागत एवं मूल्य आयोग द्वारा तय किया जाता है। वैसे तो भारत मे लगभग सभी प्रकार की फसलो का MSP मूल्य कृषि लागत एवं मूल्य आयोग द्वारा तय किया जाता है परन्तु गत्रे की फसल का गत्रा आयोग तय करता है। भारत सरकार द्वारा वर्तमान मे लगभग 23 फसलो पर Minimum Support Price तय किया जाता है जिसमे लगभग 7 प्रकार के अनाज ओर 5 प्रकार के तिलहन है इसके अलावा और भी अन्य फसले है।
Minimum Support Price के प्रमुख लाभ :-
यदि बाजार में किसी फसल का समर्थन मूल्य कम हो तो उसे एमएसपी पर उपज को खरीदना चाहिए| किसान को न्यूनतम समर्थन मूल्य की जानकारी है और बाजार में फसल का समर्थन मूल्य कम है तो किसान अपनी उपज को बेचने से मना कर सकता है
भारत में खरीफ और रबी दोनों फसलों के लिए जागरूकता लगभग 17% है| MSP की घोषणा अलग-अलग मौसम में केवल चयनित फसलों के लिए की जाती है| न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा मौसम के अनुसार और फसलों की उपज को देखकर की जाती है| MSP के लागू होने के 40 वर्ष बाद भी सिर्फ 25% से भी कम किसानों को इसकी जानकारी है|
Minimum Support Price and MSP Law
MSP के बारे में कुछ लोगों ने अलग ही अवधारणा बना रखी है की MSP की सहायता से किसानों की आय में वृद्धि होती है| जबकि ऐसा कोई कानून नहीं है MSP का साधारण सा मतलब किसानों को उनकी उपज का न्यूनतम मूल्य दिलवाना है इससे किसानों की आय में वृद्धि नहीं होती| यह लोगों की एक गलत अवधारणा है| पूरे 1 वर्ष में सरकार दो बार Minimum Support Price की घोषणा करती है|
CACP क्या है? MSP Panel :-
CACP का फुल फॉर्म:- Commission for Agricultural Costs & Prices. CACP एक भारत सरकार के कृषि और कृषि कल्याण मंत्रालय का एक माध्यम है| एमएसपी की घोषणा और फसलों की एमएसपी CACP की आदेशों के आधार पर ही सरकार द्वारा घोषित की जाती है|
CACP के द्वारा ही फसलों की एमएसपी निर्धारित की जाती है| सीएसीपी का काम खरीफ और रबी में उगाई जाने वाली फसलों के लिए सरकार को मूल्य नीति रिपोर्ट प्रदान करते हैं सीएसीपी की अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक करें – https://cacp.dacnet.nic.in/
उत्पादन की लागत एमएसपी के निर्धारण में महत्वपूर्ण कारकों में से एक है सीएसीपी अपने मूल्य नीति को एक व्यापक तरीके से मानता है
MSP की अनुशंसा करते समय CACP A2+FL और C2 दोनों लागतो पर ही अच्छे से विचार किया जाता है
किसान अपनी उपज को सरकारी खरीद एजेंसियों को एमएसपी मैं बेचने के लिए स्वतंत्र है! यह एक तरह से किसान को अपनी उपज बेचने की स्वतंत्रता भी देता है
MSP को बढ़ाने के अलावा सरकार ने किसानों को उनकी उपज के लिए पूरा श्रमिक मूल्य प्रदान के लिए कई कदम उठाए हैं इसमें ही राष्ट्रीय कृषि बाजार को लागू करना एक पहल थी
हाल ही में शुरू की गई अंब्रेला योजना “प्रधानमंत्रीअनान्दताअन्यासांक हरण अभियान (PM-AASHA)” किसानों के लिए एक पारिश्रमिक मूल्य के आश्वासन के लिए एक समग्र व्यवस्था प्रदान करता है। इस छाता योजना में दलहन, तिलहन और खोपरा के लिए मूल्य समर्थन योजना , किसानों को एमएसपी सुनिश्चित करने के लिए तिलहन के लिए मूल्य कमी भुगतान योजना (PDPS) और निजी खरीद और स्टॉक योजना के पायलट शामिल हैं।
MSP Price List | एमएसपी मूल्य सूची
साल 2020 से 2021 तक की मूल्य सूची कुछ इस प्रकार है :-
फसलों के नाम | साल 2020 से 2021 तक की मूल्य सूची |
मक्का | 1850 |
गेहूं | 1975 |
बाजरा | 2150 |
ज्वार | 2640 |
धान | 1888 |
मसूर | 5100 |
मूंगफली | 5275 |
रागी | 3295 |
जूट | 4225 |
अरहर | 6000 |
मूंग | 7196 |
उड़द | 6000 |
कॉटन | 5825 |
जौ | 1600 |
सूरजमुखी के बीज | 5885 |
APMC (Agricultural Produce Market Committee) Act के बारे में जानकारी :-
Agricultural Produce Market Committee भारत यह एक प्रकार का कानून है जो हर राज्य मे लागू किया गया है। इस कानून का मुख्य उद्देश्य किसानों को बेहतर सेवाएं व सुविधाएँ प्रदान करना है। इस कानून मे किसानों के हितों को काफी महत्व दिया जाता है।
इसका पूरा नाम कृषि उपज विपणन समिति कानून है। आजादी के बाद भारत में गाँवों की Whole Distribution System को साहूकार या व्यापारी ( Businessmen ) नियंत्रित करते थे , जिससे किसानों को बहुत कम लाभ होता था ,इससे छुटकारा पाने के लिए और कृषकों को लाभ पहुँचाने के लिए राज्य सरकारों ने कृषि बाजार स्थापित किये, जिसके लिए Agricultural Produce Market Committee कानून को लागू किया।
Conclusion – निष्कर्ष
न्यूनतम समर्थन मूल्य को किसानों को मूल्य सुरक्षा प्रदान करने के लिए भारतीय कृषि नीति का महत्वपूर्ण अंग माना गया है| समर्थन मूल्य का मूल रूप से उद्देश्य अधिकांश फसलो और मूल्य सुरक्षा को बढ़ावा देना है और हमने इस पोस्ट(MSP FULL FORM | MSP Kya Hai) में यह जाना कि 75% से अधिक भारतीय किसानों के द्वारा उगाई गई फसलों के MSP के बारे में जानकारी ही नहीं है
इसकी जानकारी ना होने से किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है देखा जाए तो चावल और गेहूं के मामले में भी अधिक जागरूकता है| हरियाणा पंजाब और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में प्राइवेट एजेंसियों द्वारा भारी मात्रा में अनाज की खरीद की जाती है MSP की जागरूकता फसल विशेषज्ञता की ओर ले कर जाती है|